लॉकडाउन 17 मई को खत्म नहीं होगा, यह तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया। इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में यूपी कैबिनेट की भी एक पक्ष में एक राय रही कि लॉकडाउन बढ़ाना चाहिए, लेकिन आर्थिक गतिविधियों को छूट बढ़ाने और दुकानें-बाजार अल्टरनेट व्यवस्था में खोलने का भी सुझाव मंत्रियों ने दिया है। लॉकडाउन-4 के संबंध में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से सुझाव मांगे थे, जिसके बाद यह बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों के साथ की थी। बैठक में शामिल मंत्रियों के मुताबिक, सभी ने कहा था कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के जो हालात हैं, उसे देखते हुए लॉकडाउन जरूर बढ़ना चाहिए।
इसके पीछे तर्क दिया कि अभी प्रवासी श्रमिक-कामगारों के दूसरे राज्यों से आने का सिलसिला चल रहा है। उनकी सभी की भी चौदह दिन की क्वारंटाइन अवधि पूरी होने तक लॉकडाउन नहीं खोला जाना चाहिए। यदि आवागमन सुगम हुआ तो संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। ग्रीन और ऑरेंज जोन में आर्थिक गतिविधियों की छूट बढ़ाने की पैरवी भी लगभग सभी ने की थी। इसके अलावा सभी के अलग-अलग कुछ सुझाव भी थे। किसी ने कहा कि मोची, कारपेंटर, मैकेनिक जैसे काम को खोल देना चाहिए। यहां भीड़ ज्यादा होती नहीं है और ऐसे कामगार हर दिन कमाने-खाने वाले होते हैं। कुछ ने सुझाव दिया कि खाने-पीने की दुकानों को निर्धारित अवधि के लिए सुबह-शाम खोला जा सकता है। इसके साथ ही बाजार में भीड़ नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग वस्तु से जुड़ी दुकानों को अलग-अलग दिन या समय पर अल्टरनेट व्यवस्था के तहत खोला जा सकता है।
सीएम योगी ने सख्ती के दिए थे संकेत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक टीवी न्यूज चैनल से बात करते हुए संकेत दिए थे कि हो सकता है यूपी में लॉकडाउन 4 के दौरान ज्यादा छूट ना मिले। इसके पीछे का तर्क देते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश में बहुत सारे लोग बाहर से आए हैं। यह हमारे लिए चुनौतीपूर्ण समय है। हम नहीं चाहते कि कम्युनिटी स्प्रेडिंग हो। सीएम योगी ने भीड़भाड़ वाले प्रतिष्ठानों को नहीं खोलने का संकेत दिया। कहा कि ऐसे एरिया वाले प्रतिष्ठानों को अभी हम खोल दें, ऐसा मुझे नहीं लगता। मुख्यमंत्री ने कहा कि जितने श्रमिक लोग आये हैं, यह हमारे अपने हैं, हमारी ताकत है। इसमें किसी का भी अनादर न हो।
लॉकडाउन में बाहर निकले तो लगेगा जुर्माना, लाइसेंस भी होगा रद
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अब और सख्ती की जाएगी। महामारी विकराल रूप न ले और लोग बेवजह घरों से बाहर न निकलें, इसके लिए सख्त नियमों के चाबुक से उन्हें काबू किया जाएगा। राज्य सरकार ने बीते दिनों इसके लिए महामारी विनियमावली में दूसरी बार संशोधन किया था। उप्र महामारी कोविड-19 (द्वितीय संशोधन) विनियमावली सरकारी गजट में अधिसूचित कर दी गई जिससे यह पूरे प्रदेश में प्रभावी हो गई है। विनियमावली के लागू होने पर अब लॉकडाउन में बाहर निकलने, मास्क न पहनने, सार्वजनिक स्थल पर थूकने और दो पहिया वाहन पर दो व्यक्ति के बैठने पर जुर्माना लगाया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर विभिन्न कृत्यों के लिए 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा। वहीं दो पहिया वाहन चला रहे व्यक्ति का लाइसेंस भी रद किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के रेड जोन-
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ ही सर्वाधिक संक्रमित आगरा भी रेड जोन में हैं। इनके अलावा मेरठ, सहारनपुर, कानपुर नगर, मुरादाबाद, फीरोजाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, रायबरेली, वाराणसी, बिजनौर, अमरोहा, संत कबीर नगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मथुरा और बरेली को रेड जोन में रखा गया है।
उत्तर प्रदेश के ऑरेंज जोन-
उत्तर प्रदेश के ऑरेंज जोन में गाजियाबाद, हापुर, बागपत, बस्ती, बदायूं, सम्भल, औरैया, शामली, सीतापुर, बहराइच, कन्नौज, आजमगढ़, मैनपुरी, श्रावस्ती, बांदा, जौनपुर, एटा, कासगंज, सुल्तानपुर, प्रयागराज, जालौन, मिर्जापुर, इटावा, प्रतापगढ़, गाजीपुर, गोंडा, मऊ, भदौही, उन्नाव, पीलीभीत, बलरामपुर, अयोध्या, गोरखपुर, झांसी, हरदोई, कौशाम्बी व शामली को रखा गया है।
उत्तर प्रदेश के ग्रीन जोन-
उत्तर प्रदेश के ग्रीन जोन में बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, हाथरस, महाराजगंज, शाहजहांपुर, अम्बेडकरनगर, बलिया, चंदौली, चित्रकुट, देवरिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र व अमेठी को रखा गया है।